मुक्तक

सितारो से भरे फलक मे महताब लगती हो
दिल को सुकूं दे वो फज़र का ख्वाब लगती हो
क्या तुम्हारा रूप और क्या तुम्हारे जलवे
उम्र के इस दौर मे भी लाजवाब लगती हो
@संदीप सृजन

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