स्वतंत्रता दिवस नहीं........... स्वाभिमान दिवस मनाएँ

स्वतंत्रता दिवस नहीं........... स्वाभिमान दिवस मनाएँ
                                                        -संदीप सृजन

हर साल 15 अगस्त आता है.... हर साल हमें यह याद दिलाया जाता है कि हम अंग्रेजों के गुलाम थे । आखिर बार-बार क्यों और कब तक हम याद करे की हमारे पूर्वज गुलाम थे । माना कि हमारे देश के कुछ स्वार्थी राजाओं, नवाबों की सामर्थता कमजोर थी, सत्ता में बने रहने के लिए उन्होने अंग्रेजों से संधि की, स्वयं उनके गुलाम बन गये और पुरे देश को धीरे-धीरे गुलाम बना डाला । जनता मजबूर थी, उनके राजा ने खुद गुलाम होना स्वीकार कर लिया तो उन्हें तो स्वाभाविक रूप से राज आदेश का पालन करना ही था ।
गुलामी के बंधन में बंधे कई लोग ऐसे थे जो बंधन तोड़ कर स्वाभिमान से जीना चाहते थे । उन्होने अपने सामर्थ अनुसार अपने राजा और अंग्रेजों के खिलाफ आंदोंलन करे, बगावत की और लोगो को जगाया, कई वीरों अपने प्राणों की आहूति दी तब जाकर लम्बे समय के विद्रौह का परिणाम यह निकला की अंग्रेजों ने भारत की जनता को अपने चंगुल से मुक्त किया। लेकिन जिन हाथों में भारत सौंपी वे हाथ पूरी तरह से अंग्रेज मानसिकता वाले थे । यही वजह रही भारत की जनता को अंग्रेजों ने मुक्त किया, भारत को नहीं ।
सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग अंग्रेजों के कानून, अंग्रेजों के नीति नियम और यहॉ तक की अंग्रेजों के प्रतिनिधी वायसराय के मार्गदर्शन में देश चला रहे थे। 15 अगस्त 1947 को देश की जनता को आजाद करने और बाद में उसे अपने तरीके से चलाने की पूरी रणनीति लगभग 2-3 साल पहले ही तैयार की जा चुकी थी । सब कुछ अंग्रेजों की मर्जी अनुसार हुआ, भारत में प्रजातंत्र की स्थापना की गई और बागडोर गुलाम मानसिकता वालों को सुपुर्द की गई । सामने देसी अंग्रेज थे पीछे विदेशी । बस पीछे वालों के आदेशानुसार 1948 से 15 अगस्त को आजादी की वर्षगांठ के रूप में मनाना प्रारम्भ कर दिया गया । याने कि मुर्खता पूर्वक उत्सव मनाना शुरू हो गया । माना की 15 अगस्त 1947 को उत्सव मनाना सही था , लेकिन अपनी गुलामी से मुक्ति के दिन को सालाना उत्सव का रूप देना कहा की अक्लमंदी है ।
यदी इस दिन को यादगार बनाना ही था तो इसे स्वतंत्रता दिवस के बजाए स्वाभिमान दिवस या आत्मसम्मान दिवस नाम देना था। जिससे कम से कम यह तो नही कहना और सुनना पड़ता की हम गुलामी से मुक्ति का उत्सव मना रहे है । हम शान से कह सकते कि हम अपने आत्मसम्मान का दिन मना रहे है । हम उन तमाम वीरों को याद करे, उनकी शहादत को नमन करे जिनकी वजह से हम अपना स्वाभिमान पुनः प्राप्त कर पाए । आईए .....इस दिन को हम भारत स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाए.... और सब को बधाई दे ......स्वाभिमान से जीवन की मंगलकामनाएँ दे ।
जय हिन्द। जय भारत ।।

संदीप सृजन

sandipsrijan999@gmail.com

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