नया प्रयोग ...सांकली दोहे ....
आज चुटकुले देखिए, बन कवि की सन्तान ।
काव्य मंच से ला रहे, अर्थ और सम्मान ।।
अर्थ और सम्मान के , लिए लगाई होड़ ।
कविता का क्षारण किया , भाषा तोड़ मरोड़ ।।
भाषा तोड़ मरोड़ कर, करता जो संवाद ।
आधुनिक साहित्य जगत, उसको देता दाद ।।
@संदीप सृजन
आज चुटकुले देखिए, बन कवि की सन्तान ।
काव्य मंच से ला रहे, अर्थ और सम्मान ।।
अर्थ और सम्मान के , लिए लगाई होड़ ।
कविता का क्षारण किया , भाषा तोड़ मरोड़ ।।
भाषा तोड़ मरोड़ कर, करता जो संवाद ।
आधुनिक साहित्य जगत, उसको देता दाद ।।
@संदीप सृजन
Waah
जवाब देंहटाएंMy correct email ID is mohinimanika@gmail.com
जवाब देंहटाएं