मौसम के बदलाव ने, बदल दिए हालात ।
दिवस
कपकपाने लगे, लगी ठिठुरने रात ।।
मौसम के बदलाव ने, छीन लिया सुख चैन ।
स्वेटर
मफलर मांगता, सूरज हो बैचेन ।।
मौसम के बदलाव ने, दिए नये संकेत ।
चादर
ओढ़े बर्फ की, सुस्त हो गये खेत ।।
मौसम के बदलाव ने, बदला है सुऱ ताल ।
फटी
गुदड़िया से बची, मुफ़लिस तन की खाल ।।
मौसम के बदलाव ने, बदले सारे ख़्वाब ।
यौवन की
दहलीज़ पर, बहके मिले गुलाब ।।
मौसम के बदलाव ने, दिए नये उन्वान ।
क़लम और
स्याही रचे, काग़ज़ पर दिनमान ।।
मौसम के बदलाव ने, रचे कईं नवगीत ।
आंगन
पसरी धूप से, कर बैठे हम प्रीत ।।
मौसम के बदलाव ने, बांटी है सौगात ।
यौवन को
भाने लगी, ठंड़ी-ठड़ी रात ।।
-संदीप सृजन
संपादक- शाश्वत सृजन
ए-99 वी.डी. मार्केट,
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ईमेल- sandipsrijan.ujjain@gmail.com
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